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यूपी मॉडल: ऑपरेशन कायाकल्प से बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक छलांग
Go Back | Aditya Amitabh Trivedii , Sep 07, 2025 01:20 PM
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News Image Lucknow :  -आदित्य अमिताभ, युगवार्ता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर अब पूरी तरह बदल चुकी है। कभी उपेक्षित और जर्जर बुनियादी ढांचे वाले इन स्कूलों में आज बच्चों को वही सुविधाएं मिल रही हैं, जो किसी आदर्श संस्थान में अपेक्षित होती हैं। सुरक्षित पेयजल से लेकर शौचालय, बिजली कनेक्शन, कक्षाओं में टाइल्स और हैंडवॉश यूनिट जैसी व्यवस्थाएं अब लगभग सभी स्कूलों में उपलब्ध हो चुकी हैं।

वर्ष 2017-18 में हालात यह थे कि केवल 67 प्रतिशत स्कूलों में ही सुरक्षित पेयजल उपलब्ध था और लड़कियों तथा लड़कों के शौचालय की स्थिति 60-61 प्रतिशत तक ही सीमित थी।

योगी सरकार के ऑपरेशन कायाकल्प ने परिषदीय विद्यालयों की सूरत बदल दी है। 2017-18 में जहां 19 पैरामीटर पर कार्य की प्रगति मात्र 36 प्रतिशत थी, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 97 प्रतिशत तक पहुंच गया है। शौचालय, पेयजल, फर्नीचर, विद्युतीकरण और हैंडवॉश जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं अब लगभग हर विद्यालय में उपलब्ध हैं। यह उपलब्धि टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी और पारदर्शी व्यवस्था से संभव हो पाया है।

विद्यालयों की इमारतों की पुताई, बिजली कनेक्शन, स्कूल फर्नीचर और रैम्प-रेलिंग जैसी सुविधाओं का हाल तो और भी खराब था। लेकिन मार्च 2025 तक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। अब शौचालय, पेयजल और ब्लैकबोर्ड जैसे पैरामीटर 100 प्रतिशत विद्यालयों तक पहुंच चुके हैं, वहीं कक्षाओं में टाइल्स, स्कूल फर्नीचर और किचन नवीनीकरण जैसी व्यवस्थाएं भी 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पूरी हो चुकी हैं।

इस सुधार का असर गाँवों और कस्बों तक साफ दिखाई दे रहा है। अभिभावक अब अपने बच्चों को आत्मविश्वास के साथ सरकारी स्कूलों में भेज रहे हैं। साफ-सुथरे वातावरण और आधुनिक सुविधाओं ने न केवल बच्चों की उपस्थिति बढ़ाई है, बल्कि ड्रॉपआउट दर में भी भारी कमी दर्ज की गई है।

सीतापुर ज़िले के गोंदलामऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायत कोरौना की प्रधान विमला देवी ने बताया कि, “अब बच्चे, खासकर छोटी-छोटी बच्चियाँ, घर पर नहीं रुकतीं। वे उत्साह के साथ रोजाना स्कूल जाती हैं, पढ़ाई करती हैं और आगे बढ़ने का सपना देखती हैं, क्योंकि अब विद्यालयों में साफ-सुथरे शौचालय और पीने के पानी की सुविधाएं मौजूद हैं।”

एजुकेटर्स मानते हैं कि इस क्रांतिकारी बदलाव के पीछे सबसे बड़ा कारण टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी और जवाबदेही है। हर काम को ऑनलाइन मॉनिटर किया गया और पारदर्शिता की ऐसी व्यवस्था बनाई गई कि किसी स्तर पर लापरवाही की गुंजाइश नहीं रही। इससे कार्य की गति तेज हुई और योजनाओं का लाभ वास्तविक समय में बच्चों तक पहुंचा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प रहा है कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे भी वही सुविधाएं पाएं जो किसी निजी संस्थान में उपलब्ध हैं। ऑपरेशन कायाकल्प की उपलब्धियां इस संकल्प को धरातल पर उतारने का सशक्त प्रमाण बन चुकी हैं। आज उत्तर प्रदेश का यह मॉडल देशभर में बुनियादी शिक्षा में सुधार की मिसाल बन कर उभरा है।
  Aditya Amitabh Trivedii
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