Lucknow : लखनऊ: 15 जून, 2015
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा घोषित किसान वर्ष 2015 में किसानों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराने हेतु भरसक प्रयास सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि शासकीय योजनाओं का सुचारु रूप से और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु किसानों से चर्चा कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को जिले आवंटित कर किसानों के मध्य खेतों में भेजकर अच्छी फसल पैदा करने हेतु मार्गदर्शित किया जाये। उन्होंने कहा कि किसानों को उसकी उपज का उचित दाम दिलाने हेतु हर संभव प्रयास सुनिश्चितकृषि वैज्ञानिकों को जिले आवंटित कर किसानों के मध्य खेतों में भेजकर
अच्छी फसल पैदा करने हेतु मार्गदर्शित किया जाये: आलोक रंजन
फसल बीमा वेबपोर्टल विकसित किया जाये, जिसमें बैंकों द्वारा के0सी0सी0 विवरण, फसलवार स्वीकृत ऋण सीमा, प्रीमियम कटौती व बीमा कंपनी को प्रीमियम व
घोषणा पत्र के प्रेषण का विवरण लोड किया जाये: मुख्य सचिव
बीमा कंपनी द्वारा इस पोर्टल पर बीमा कवरेज व क्षतिपूर्ति का विवरण अपडेट किया जाये, ताकि यह सब वितरण किसानों को आॅनलाइन उपलब्ध हो सकें: आलोक रंजन
फसल बीमा एवं कृषक समूहीकरण विषयक एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
कराये जायें। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को अपनी इच्छानुसार बीमा कंपनी का चयन करने का विकल्प दिया जाये। उन्होंने कहा कि फसल बीमा वेबपोर्टल विकसित किया जाये, जिसमें बैंकों द्वारा के0सी0सी0 विवरण, फसलवार स्वीकृत ऋण सीमा, प्रीमियम कटौती व बीमा कंपनी को प्रीमियम व घोषणा पत्र के प्रेषण का विवरण लोड किया जाये। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी द्वारा इस पोर्टल पर बीमा कवरेज व क्षतिपूर्ति का विवरण अपडेट किया जाये, ताकि यह सब वितरण किसानों को आॅनलाइन उपलब्ध हो सकें।
मुख्य सचिव आज यहां गोखले मार्ग पर इफ्को के सभागार में फसल बीमा एवं कृषक समूहीकरण विषयक एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में महाराष्ट्र के अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर कुमार गोयल, भारत सरकार के संयुक्त सचिव (क्रेडिट एण्ड को-आॅपरेशन) डाॅ0 आशीष कुमार भूटानी, बीमा कंपनियां आई0सी0आई0सी0 लूम्बार्ट, एग्रीकल्चर इंश्योरेन्स कारपोरेशन, एच0डी0एफ0सी0 इरगो के प्रतिनिधि एवं नाबार्ड, रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया, बैंक आॅफ बड़ौदा के उच्च अधिकारियों के साथ-साथ प्रगतिशील किसान श्री राम सरन वर्मा, नवज्योति किसान प्रोड्यूसर कंपनी, ग्राम विकास प्रोड्यूसर कंपनी, कन्नौज के प्रतिनिधियों सहित आई0आई0एम0, लखनऊ एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा निदेशक, कृषि के द्वारा भी भाग लिया गया।
श्री रंजन ने कहा कि शासकीय योजनाओं के बारे में किसानों को जागरूक करने हेतु उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में उपज के आकलन हेतु रिमोट सेंसिंग तकनीकी का आवश्यकतानुसार प्रयोग सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि फसल कटाई प्रयोगों की संख्या को कम करते हुये उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाये, ताकि किसानों को वास्तविक क्षति के अनुरूप क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह में कृषि के कार्यक्रम क्रियान्वित कराये जाये तथा कलस्टर के रूप में अधिक से अधिक प्रदर्शन किये जायें। उन्होंने कहा कि किसानों को हाइब्रिड बीज उपलब्ध कराने हेतु अभियान चलाया जाये।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आनंद मिश्रा द्वारा बैठक में फसल बीमा योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों यथा योजना में कृषकों की कम भागीदारी, मात्र ऋणी कृषकों तक कृषकों की योजना में भागीदारी सीमित रहना, बीमा कम्पनियों का जनपदों में नेटवर्क नहीं होना, बीमा कम्पनियों का बैंक व जनपदीय अधिकारियों से अपेक्षित समन्वय नहीं होने से कृषकों को बीमा लाभ प्राप्त न होने तथा कृषकों को प्रीमियम कटौती की रसीद उपलब्ध कराये जाने पर चर्चा करते हुये फसल बीमा योजनाओं में सभी कृषकों की भागीदारी सीधे बीमा कम्पनी के माध्यम से स्वैच्छिक आधार पर सुनिश्चित करने पर बैठक में अभिमत/सुझाव चाहा गया।
कृषक उत्पादक समूह (एफ0पी0ओ0) पर विशेष परिचर्चा करते हुये महाराष्ट्र के अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर कुमार गोयल द्वारा कृषक उत्पादक समूह को जनपद स्तर पर तैयार कर क्रियान्वित किये जाने की संस्तुति की, जिसमें वैल्यू चेन को विकसित करते हुये कृषि उत्पाद को बाजार से जोड़ा जाये। परिणामस्वरूप कृषि उत्पाद का लाभ किसानों को प्राप्त हो सके। कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्द्धन भी कराये जाने की संस्तुति की। इसके साथ ही साथ क्रियान्वित सरकारी योजनाओं का आपस में तारतम्य निर्धारित किया जाना चाहिये, जिससे किसान सीधे योजनाओं से जुड़ सके। कार्यशाला में सभी विशिष्ट लोगों का मत यही रहा कि प्रदेश के कृषि में कृषि उत्पाद समूह की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, इसे विकसित करते हुये प्रदेश में क्रियान्वित किया जाये।
प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन ने भी कार्यशाला को सम्बोधित कर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।