जीएसटी में रिकॉर्ड मजबूती: मई में संग्रह 2.01 लाख करोड़, लगातार दूसरे महीने पार किया दो लाख करोड़ का आंकड़ा
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Yugvarta
, Jun 02, 2025 11:21 AM 0 Comments
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New Delhi :
नई दिल्ली, 2 जून : मई 2025 में भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 2.01 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष मई 2024 में दर्ज 1.72 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 16.4 प्रतिशत अधिक है। यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा है, जो यह संकेत देता है कि देश में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बनी हुई है और उपभोग में स्थिर वृद्धि जारी है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने रविवार को जारी की।
अप्रैल में जीएसटी ने छूआ था ऐतिहासिक उच्चतम स्तर
अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा था, जो अब तक का सर्वाधिक है। यह आंकड़ा मार्च की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक था। हालांकि उस समय वित्त वर्ष की समाप्ति और समायोजन जैसे कारणों से वृद्धि हुई थी, लेकिन मई में भी मजबूत संग्रह यह दर्शाता है कि यह उछाल केवल मौसमी नहीं, बल्कि आर्थिक स्थायित्व का संकेत है।
शुद्ध जीएसटी राजस्व में 20% से अधिक की वृद्धि
रिफंड को समायोजित करने के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व भी उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 1.73 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है, जो 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। घरेलू स्तर पर जीएसटी संग्रह में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई, वहीं आयात से होने वाले राजस्व में 25.7 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि देखी गई।
विकास दर लक्ष्य हासिल, अर्थव्यवस्था की गति में मजबूती
वित्त मंत्रालय के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर और सशक्त गति से आगे बढ़ रही है। 30 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था ने 7.4 प्रतिशत की दर से विस्तार किया, जो पिछली सुस्ती के बाद एक मजबूत वापसी को दर्शाता है।
खपत में सुधार, कर संग्रह को मिल रहा सहारा
वित्त वर्ष 2023-24 में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अब उपभोग में फिर से तेजी आई है। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं जैसे घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में अप्रैल में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, हालांकि मार्च की 6.9 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में यह थोड़ी कम रही।
अनुपालन में सुधार और व्यापारिक विस्तार ने बढ़ाया भरोसा
अप्रैल और मई के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि आर्थिक गतिविधियों में लगातार सुधार हो रहा है और जीएसटी संग्रह में मजबूती बनी हुई है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि बेहतर अनुपालन, व्यापारिक विस्तार और उपभोग में वृद्धि जैसे कारकों के कारण कर राजस्व में यह स्थायित्व देखने को मिल रहा है।