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Gujarat Violence 2002: जाकिया जाफरी को SC से भी झटका, पीएम मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज
Go Back | Yugvarta , Jun 24, 2022 12:01 PM
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News Image NEW DELHI :  गुजरात दंगों में पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। इस रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बता दें कि 2002 में हुए दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। इस एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दी थी। इसके खिलाफ जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जकिया के पति और कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद

गुजरात दंगों में जाकिया जाफरी के पति तब कांग्रेस से विधायक रहे एहसान जाफरी को भीड़ ने मार डाला था। एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने एसआईटी की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी।

की गुलबर्ग सोसायटी में हिंसा के दौरान मौत हो गई थी।

जाकिया जाफरी की याचिका पर जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में सात महीने पहले 9 दिसंबर 2021 को याचिका दाखिल की थी। तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे अब के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिन में सुनवाई पूरी की

सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने सुना। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, SIT की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी और गुजरात की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दीं। इसके बाद बेच ने 9 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

गुजरात दंगे में जाकिया जाफरी के पति की हुई थी मौत

गौरतलब है कि गुजरात दंगों में जाकिया जाफरी के पति तब कांग्रेस से विधायक रहे एहसान जाफरी को दंगाई भीड़ ने मार डाला था। गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में एहसान जाफरी भी मारे गए थे। एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने एसआईटी की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी।

जानें- क्या है मामला

बता दें कि एसआईटी की रिपोर्ट में प्रदेश के उच्च पदों पर रहे लोगों को क्लीन चिट दी गई थी। एसआईटी ने राज्य के उच्च पदाधिकारियों की ओर से गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उसके बाद हुए दंगे भड़काने में किसी भी साजिश को नकार दिया था। साल 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया की शिकायत खारिज कर दी थी। एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका गुजरात हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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