उत्तराखंड : धामी ने पर्यावरण योद्धाओं को किया सम्मानित, दिए पर्यावरण संरक्षण के बड़े संदेश
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Yugvarta
, Jun 05, 2025 04:12 PM 0 Comments
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Dehradun :
देहरादून, 5 जून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया।
सुन्दर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार-2025 (सरकारी श्रेणी) में नगर निगम रूद्रपुर को सम्मानित किया गया। नगर निगम रूद्रपुर की ओर से उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। गैर सरकारी श्रेणी में विजय जड़धारी और प्रताप सिंह पोखरियाल को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जागरूकता पोस्टर का विमोचन किया और इको टूरिज्म कॉर्पोरेशन द्वारा तैयार किए गए पोर्टल का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड की शपथ दिलाई और स्कूली बच्चों को कपड़े के बैग प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रत्येक वन डिवीज़न में इस वर्ष कम से कम एक हज़ार फलदार वृक्ष लगाए जाएं ताकि वन्य जीवों को पर्याप्त आहार मिल सके। उन्होंने जनता और यात्रियों से अपील की कि वे वन्य जीवों को ऐसी वस्तुएं न खिलाएं जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक हों। साथ ही, जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ जैसे अवसरों पर पौधारोपण का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से भरपूर राज्य है। घने जंगल, पवित्र नदियाँ और हिमालयी ग्लेशियर इसकी भौगोलिक पहचान हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन रहा है। सोलर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे और प्लास्टिक मुक्त भारत जैसी योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
राज्य सरकार लोकपर्व हरेला को प्रकृति संरक्षण के महापर्व के रूप में बड़े स्तर पर मनाती है। प्रदेश के परंपरागत जल स्रोतों के संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा)’ का गठन किया गया है। बीते एक वर्ष में लगभग 6,500 जल स्रोतों का संरक्षण एवं उपचार किया गया है और करीब 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन हुआ है। चारधाम यात्रा सहित विभिन्न अवसरों पर प्रदेश में आने वाले वाहनों में कूड़ेदान रखना अनिवार्य किया गया है।
हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर किया गया, जिसमें सभी मेडल और पुरस्कार ई-वेस्ट सामग्री से और खेल किट रीसाइकल्ड सामग्री से बनाए गए।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड देश के पांच सर्वश्रेष्ठ कार्बन अवशोषक राज्यों में शामिल है। उन्होंने जन सहभागिता को प्राथमिकता देने की बात कही और बताया कि राज्य में प्लास्टिक के विकल्प पर कार्य हो रहा है।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है, इसी सोच के तहत ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट का कांसेप्ट लागू किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर राज्य स्तर पर पर्यावरण पुरस्कार देने की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और जल संरक्षण हर किसी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन सहित शासन, पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।