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Nag Panchami 2025 Date: कब मनाएं नाग पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Go Back | Yugvarta , Jul 28, 2025 08:35 AM
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News Image Lucknow : 
श्रावण शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नाग लोक में बहुत बड़ा उत्सव होता है. पंचमी तिथि को जो व्यक्ति नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है उसके कुल को सभी नाग अभय दान देते हैं. उसके परिवार जनों को सर्प का भय नहीं रहता है. महाभारत में जन्मेजय के नाग यज्ञ की कहानी है.


नाग पंचमी का पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव माता पार्वती और नाग देवताओं की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से नाग देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और कुंडली में बनने वाले अशुभ कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।


सावन का महीना शिवजी का महीना जब विष्णु भगवान शिव जी को दुनिया का भार सौंप कर स्वयं विश्राम में चले जाते हैं ये महीना बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान कई सारे तीज-त्योहार पड़ते हैं, जिनमें से एक नाग पंचमी भी है, जो नाग देवता को समर्पित है। हर साल की तरह इस साल भी नाग पंचमी की डेट को लेकर लोगों में थोड़ी असमंजस है परंतु यह पर्व (Nag Panchami 2025) 28 जुलाई को मनाया जाएगा या 29 जुलाई को? तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।


कब है नाग पंचमी 2025? (Nag Panchami 2025 Kab Hai?)

हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल पंचमी तिथि 28 जुलाई 2025 को रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 30 जुलाई 2025 को सुबह 12 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर इस साल यह पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा

नाग पंचमी पर बन रहा खास योग

इस साल नाग पंचमी के दिन शिव योग, रवि योग और लक्ष्मी योग जैसे विशेष संयोग भी बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।

मुख्य पूजा मुहूर्त: सुबह 5:41 बजे से 8:31 बजे तक।

कुछ अन्य शुभ समय: 10:47 से 12:28, 12:27 से 2:09, और 3:51 से 5:32 बजे तक।

नाग पंचमी की पूजा विधि

सबसे पहले प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर नाग देवता की प्रतिमा स्थापित करें। अगर प्रतिमा नहीं हो तो आप आटे/मिट्टी से नाग बनाकर भी पूजा कर सकते हैं।

नाग देवता को दूध, जल, हल्दी, अक्षत (चावल), फूल, रोली और मिठाई अर्पित करें।
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