उत्तराखंड : विकसित उत्तराखण्ड विजन 2047 के लिए कार्यशाला आयोजित, चिन्हित हुए 218 भविष्य संकेतक
Go Back |
Yugvarta
, Jun 16, 2025 10:00 PM 0 Comments
0 times
0
times
Dehradun :
देहरादून, 16 जून : मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन और सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने विकसित उत्तराखण्ड विजन 2047 कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रतिभाग किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि विजनिंग अभ्यास सभी सरकारी विभागों के लिए मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निवेश है। उन्होंने दीर्घकालिक नीति को आकार देने और लागू करने में सरकारी अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सेतु आयोग, यूएनडीपी के साथ मिलकर इसके परिभाषित मापदंडों और मापने योग्य परिणामों को महत्वपूर्ण ढांचा प्रदान करेगा।
सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने एक व्यापक आर्थिक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। उन्होंने पूंजी निवेश, वैश्विक तकनीकी अपनाने और समावेशी विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे उत्तराखण्ड को निम्न-मध्यम आय वाले राज्य से उच्च आय वाले राज्य में परिवर्तित करने की कुंजी बताया।
इस अवसर पर सचिव नियोजन डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी ने विजनिंग अभ्यास के दौरान प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न मुख्य क्षेत्रों में बेंचमार्क प्रस्तुत किए।
यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने के लिए क्रॉस-सेक्टोरल कार्य समूहों द्वारा चिन्हित 218 से अधिक “सिग्नल्स – उभरते संकेतक और रुझान” को संरचना और प्राथमिकता देना था। ये संकेतक जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढांचा विकास, अर्थव्यवस्था व रोजगार, स्थानीय स्व-शासन को सशक्त बनाना, वित्त, सुरक्षा, शांति और न्याय जैसे अहम क्षेत्रों को कवर करते हैं, जो एक व्यापक और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।