» मुख्यमंत्री सूचना यू पी
लैब से लैंड पर जाकर किसानों से संवाद नई क्रांति की शुरुआत करेगाः योगी
Go Back | Yugvarta , May 29, 2025 07:34 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Lucknow :  लखनऊ, 29 मईः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लैब, आईसीआर, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र व अन्य संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिक पहली बार लैंड पर जाकर किसानों के साथ कृषि की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कार्य करेंगे। विकसित कृषि संकल्प अभियान का उद्देश्य लैब से लैंड तक जाना है। कृषि वैज्ञानिक लैब के साथ ही लैंड पर भी जाएंगे और किसानों से संवाद करेंगे। यह संवाद कृषि क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत करेगा। लैब में जो भी काम हो रहे हैं, वह धरातल पर दिखना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विकसित कृषि संकल्प अभियान

सीएम ने प्रधानमंत्री किसान सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत चेतराम मौर्य (चिनहट), अंजनी वर्मा (इटौंजा), कन्हैया लाल (इटौंजा), शिवपूजन (सलेमपुर) व लालता प्रसाद (बक्शी का तालाब) को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

का यूपी में शुभारंभ किया। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक चलेगा। इस अभियान के लिए सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार जताया। सीएम ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

विकसित भारत की परिकल्पना की आधारशिला बनेगी कृषि-
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए पीएम मोदी ने जो विजन दिया है, कृषि उसकी आधारशिला बनेगी। कृषि के माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में क्या कदम उठाया जा सकता है। इस पर कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी-कार्मिक, औद्यानिक फसल, खेती, डेयरी, मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को खेती के बारे में आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस अभिनव पहल के तहत वैज्ञानिक क्लाइमेटिक जोन (भौगोलिक, सामाजिक स्थिति) को देखेंगे और किसानों को अर्ली बीज व लेट वेरायटी का प्रोडक्शन पर क्या असर पड़ता है, इसकी भी जानकारी देंगे।

यूपी में कृषि के लिए बहुत स्कोप-
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 वर्ष के अंदर यूपी में डबल इंजन सरकार ने किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के अभियान को अपने हाथों में लिया। यूपी में कृषि के लिए बहुत स्कोप है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 10-11 फीसदी हमारे पास है। इसी कृषि योग्य भूमि में यूपी का किसान 22-23 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन करता है। सीएम ने पिछली सरकारों पर आरोप लगाया कि किसान उनके सरकार के एजेंडे का हिस्सा नहीं बन पाया था। किसान को बीज, एमएसपी का दाम, समय पर खाद्य, खेत के लिए पानी, तकनीक, स्वायल हेल्थ की व्यवस्था नहीं थी। लागत कम, उत्पादक अधिक पर जोर नहीं था।

पीएम मोदी के शीर्ष एजेंडे में है खेती-किसानी-
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी पीएम मोदी के शीर्ष एजेंडे में है। देश में 11 वर्ष के अंदर खेती-किसानी के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुआ है। उन्होंने स्वायल हेल्थ कार्ड का अभियान चलाया। किसानों को पीएम कृषि बीमा योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना, एमएसपी, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। किसानों को तकनीक से जोड़ने का कार्य हुआ। पिछले 10-11 वर्ष में काफी परिवर्तन हुआ है। 2014-15 में किसान को एक हजार रुपये भी गेहूं का दाम नहीं मिलता था, आज एमएसपी 2425 रुपये है। किसानों ने बाजार में 2800 रुपये में गेहूं बेचा है। यह अन्नदाता किसान के जीवन में आए परिवर्तन का परिणाम है।

यूपी में सिंचाई सुविधा में हुई बढ़ोतरी-
मुख्यमंत्री ने कहाकि यूपी में सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी हुई। 15 लाख किसानों के व्यक्तिगत ट्यूबवेल के कनेक्शन फ्री किए गए। राज्य सरकार प्रतिवर्ष ढाई हजार करोड़ रुपये जमा करती है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, बाणसागर परियोजना, अर्जुन सहायक आदि परियोजना के माध्यम से पूरा करते हुए डबल इंजन सरकार ने प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए गए।

सरकार बनते ही 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र को लाने में प्राप्त हुई सफलता-
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार यूपी में कृषि विज्ञान केंद्र को लागू नहीं करना चाहती थी, लेकिन जैसे ही सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री बने, उन्होंने 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र को लाने में सफलता प्राप्त की। आज 89 कृषि विज्ञान केंद्र कार्य कर रहे हैं। महात्मा बुद्ध के नाम पर कुशीनगर में पांचवां कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रहे हैं। प्रदेश के अंदर कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से नई तकनीक, बीज की जानकारी किसानों को दी जा रही है। कृषि विवि भी इनोवेशन और कृषि के क्षेत्र में रिसर्च एंड डवलपमेंट के नए केंद्र के रूप में उभरे हैं। उनकी नई गति प्रदेश की प्रगति में सहायक हो रही है।

2017 के पहले खेतों में आग लगा देता था किसान-
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि किसान अपनी आय को बढ़ा रहा है। 2017 के पहले सुनने को मिलता था कि किसान को पर्ची नहीं मिली तो उसने खेत में आग लगा दी। किसान को वर्षों से गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होता था। वह मजबूर होकर फसल में आग लगा देता था। किसान का आक्रोश सरकार की स्थिति को बयां कर देताा था। 1996 से 2017 (22 वर्ष) तक जितना गन्ना मूल्य भुगतान हुआ, उससे 72 हजार करोड़ रुपये अधिक (दो लाख 85 हजार करोड़) हमने आठ वर्ष में किसानों को दिया है। बंद हो रही चीनी मिलों को चलाया गया, नई चीनी मिलों को स्थापित किया गया। 2017 के पहले चीनी मिलें बंद होती थीं। आज चीनी मिल लगाने के प्रस्ताव आ रहे हैं।

अगले चार वर्ष में यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाएंगे-
सीएम ने कहा कि अगले चार वर्ष में यूपी की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाएंगे। इसके लिए नया प्रयास प्रारंभ करने जा रहे हैं। यह कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा। सीएम ने यूपी एग्रीज का भी जिक्र किया। बोले कि पश्चिम के किसानों ने खेती समेत प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति की, मॉडर्न तकनीक अपनाया, नए बीज उपलब्ध कराए। वे लोग लागत कम करने और उत्पादन बढा़ने में सफल हुए। मध्य और पूरब के किसान इस दिशा में काफी पीछे थे, इसलिए वर्ल्ड बैंक के माध्यम से चार हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को हम लोगों ने इस वर्ष बढ़ाया है। इससे पूर्वांचल व बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र के 28 जनपदों को आच्छादित करने जा रहे हैं।

जनपदों में जाकर अभियान से जुड़े हैं सरकार के मंत्री-
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में केवल कृषि विभाग की ही नहीं, बल्कि जलशक्ति विभाग की भी बड़ी भूमिका है। लखनऊ में कई मंत्री इस अभियान को गति दे रहे हैं तो कुछ मंत्री अनेक जनपदों में जुड़े हैं। इस अभियान से 89 कृषि विज्ञान केंद्र, 826 विकास खंड मुख्यालय, 8137 न्याय पंचायत, किसान कल्याण केंद्र को जोड़ने का कार्य किया गया है। जब इस क्षेत्र से जुड़े लोग अभियान को बढ़ाएंगे तो कृषि के क्षेत्र में नया क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा।

सीएम ने क्लाइमेट चेंज की चुनौती को लेकर किया आगाह-
सीएम ने कहा कि क्लाइमेट चेंज हमारी चुनौती है। मॉनसून 15-20 दिन पहले दिखाई दे रहा है, लेकिन आशंका है कि डेढ़-दो महीने बीच में सूखा रहेगा, फिर बारिश आएगी। उस समय की चुनौती की रणनीति अभी तैयार करनी होगी, फिर बारिश आएगी। यह चेंज उत्पादन पर असर डालेगा। अच्छा बीज पड़ा तो अच्छा उत्पादन होगा, बीज एक महीने लेट होगा तो उत्पादन पर 30 फीसदी का अंतर डालेगा। अच्छा बीज मिल सके, इसके लिए किसानों को जागरूक करना पड़ेगा। 8 वर्ष में मिलेट्स, नेचुरल फॉर्मिंग, दलहनी-तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन इसके लिए और भी प्रयास करना चाहिए।

इस दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन व दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता आदि मौजूद रहे।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
उत्तराखंड : सीएम धामी ने हिन्दी पत्रकारिता
Uttarakhand News : पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक
सबके मन में सुरक्षा का भाव ही
उत्तर प्रदेश : नगर विकास विभाग और
PM Modi in Kanpur: कानपुर में पीएम
लोकमाता का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भारतीय समाज
 
 
Most Visited
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(311 Views )
Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर पर MEA
(303 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(293 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(289 Views )
मुकुल देव आखिरी बार इस फिल्म में
(268 Views )
पाकिस्तानी हमला नाकाम, भारत ने पहली बार
(263 Views )