योगी सरकार कड़ा आदेश,हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट्स पर यूपी में पाबंदी
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Yugvarta
, Nov 18, 2023 10:59 PM 0 Comments
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Lucknow : उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े फूड उत्पाद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के मामले का संज्ञान लेने के बाद शनिवार को प्रतिबंध के बारे में आदेश भी जारी कर दिया गया. आदेश के अनुसार, हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट के निर्माण, भंडारण, वितरण एवं विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया. हलाल सर्टिफाइड दवाएं, चिकित्सा युक्ति व मेकअप आइटम का विनिर्माण, भंडारण वितरण एवं क्रय-विक्रय उत्तर प्रदेश राज्य में करते हुए पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति/फर्म के विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाएगी.
हालांकि, निर्यात हेतु विनिर्मित उत्पाद प्रतिबंध की सीमा में नहीं आएंगे.
हाल के दिनों में प्रदेश सरकार को ऐसी जानकारी मिल रही थी कि डेरी उत्पाद, चीनी, बेकरी उत्पाद, पिपरमिन्ट ऑयल, नमकीन रेडी-टू-ईट वेवरीज व खाद्य तेल जैसे उत्पादों के लेबल पर हलाल सर्टिफाइड का उल्लेख किया जा रहा था. यही नहीं, कतिपय दवाइयों, चिकित्सा युक्तियों व मेकअप आइटम के प्रोडक्ट के पैकिंग/लेबलिंग पर हलाल प्रमाण पत्र का भी अंकन किए जाने की सूचना मिली है.
हाल के दिनों में प्रदेश सरकार को ऐसी जानकारी मिल रही थी कि डेरी उत्पाद, चीनी, बेकरी उत्पाद, पिपरमिन्ट ऑयल, नमकीन रेडी-टू-ईट वेवरीज व खाद्य तेल जैसे उत्पादों के लेबल पर हलाल सर्टिफाइड का उल्लेख किया जा रहा था. यही नहीं, कतिपय दवाइयों, चिकित्सा युक्तियों व मेकअप आइटम के प्रोडक्ट के पैकिंग/लेबलिंग पर हलाल प्रमाण पत्र का भी अंकन किए जाने की सूचना मिली है.
औषधियों, चिकित्सा युक्तियों व प्रसाधन सामग्रियों से संबंधित सरकार के नियमों में हलाल प्रमाणीकरण का अंकन उत्पादों के लेबल पर किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 व तत्संबंधी नियमों में हलाल प्रमाणीकरण किये जाने का कोई प्रावधान है. ऐसी स्थिति में यदि किसी औषधि, चिकित्सा युक्ति व प्रसाधन सामग्री के लेबल पर हलाल प्रमाणीकरण से संबंधित किसी भी तथ्य का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से अंकन किया जाता है, तो यह उक्त अधिनियम के अंतर्गत मिथ्याछाप है, जो कि एक दंडनीय अपराध है.
इसी प्रकार, खाद्य पदार्थों के संबंध में लागू अधिनियम और नियमावली के अनुसार खाद्य पदार्थों के लिए शीर्षस्थ संस्था भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण को खाद्य पदार्थों के मानकों का निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है, जिसके आधार पर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है. जबकि, हलाल प्रमाणन एक समानांतर व्यवस्था है, जो खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता के विषय में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है एवं सरकार के नियमों का उल्लंघन करता है.