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सरकार जनजाति समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री धामी
Go Back | Yugvarta , Sep 06, 2025 04:40 PM
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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में चयनित 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने 15 करोड़ रुपए से अधिक लागत की विभिन्न विभागीय निर्माण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं जनजातीय समाज की आधारभूत सुविधाओं को सशक्त बनाने के साथ नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगी। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी युवा शिक्षक नई पीढ़ी के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना इसी दिशा में बड़ा फैसला है। पूर्व की सरकारें केवल दिखावे के लिए आदिवासी समाज की बात करती थीं, जबकि आज धरातल पर ठोस कार्य हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने जनजातीय समाज के विकास का बजट पहले की तुलना में तीन गुना बढ़ाया है।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत किया गया है। वर्तमान में राज्य में कालसी, मेहरावना, बाजपुर और खटीमा में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। पिथौरागढ़ में भोटिया और राजी जनजाति के शैक्षिक उन्नयन के लिए भी एकलव्य विद्यालय खोलने का अनुरोध केंद्र से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जनजातीय समाज के बच्चों को प्राथमिक से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग और बेरोजगार युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान की जा रही है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भगवान बिरसा मुंडा के विचारों से प्रेरणा लेकर सांस्कृतिक मूल्यों और जनजातीय परंपराओं के संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिए सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है, 9 हजार एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है और देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू की गई है। हालांकि अनुसूचित जनजातियों की परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित रखने के लिए उन्हें संहिता से बाहर रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने जनजातीय शोध संस्थान में सौंदर्यीकरण, बालिकाओं के लिए हाईटेक शौचालय ब्लॉक और आदि लक्ष्य संस्थान में डाइनिंग हॉल निर्माण की घोषणा भी की।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, दलीप सिंह रावत, प्रमोद नैनवाल, जनजाति आयोग अध्यक्ष लीलावती राणा, समाज कल्याण सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी, जनजाति कल्याण निदेशक संजय टोलिया, समाज कल्याण निदेशक चंद्र सिंह धर्मशक्तू सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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