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ब्रिटेन के किंग चार्ल्स की ताजपोशी आज : 70 साल बाद हो रहा समारोह
Go Back | Yugvarta , May 06, 2023 07:31 PM
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News Image Delhi :  नई दिल्ली/लंदन : सात दशकों में ब्रिटेन के सबसे बड़े औपचारिक आयोजन में आज चार्ल्स तृतीय की सम्राट के रूप में ताजपोशी की गई. यह 1,000 साल पुरानी एक शानदार परंपरा है. हालांकि इस बार यह आयोजन 21 वीं सदी के ब्रिटेन को प्रतिबिंबित करने के लिए मौजूदा समय के मुताबिक किया गया.

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला की आज वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च में ताजपोशी होगी. देश में 70 साल बाद इस समारोह का आयोजन होगा. ब्रिटेन में इससे पहले 1953 में क्वीन एलिजाबेथ की ताजपोशी हुई थी. तब वो 27 साल की थीं. चार्ल्स की उम्र

किंग चार्ल्स की ताजपोशी में £100 मिलियन पाउंड यानी करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है. ये पैसा ब्रिटेन के टैक्सपेयर्स की ही जेब से लिया गया है. इसमें रॉयल खजाने का इस्तेमाल नहीं हुआ है

उस वक्त 4 साल थी. अब किंग चार्ल्स 74 साल के हैं.

पिछले साल ८ सितम्बर को क़्वीन एलिज़ाबेथ की निधन हो गया था. तब वो 96 साल की थीं. उनकी मौत के बाद चार्ल्स को ब्रिटेन का महाराज घोषित किया गया था. हालांकि उनकी ताजपोशी अब होगी. एलिजाबेथ को भी उनके पिता किंग एल्बर्ट की मौत के बाद महारानी घोषित कर दिया गया था, लेकिन उनकी ताजपोशी सोलह महीने बाद जून 1953 में हुई थी.

ताजपोशी पर 1 हजार करोड़ खर्च
किंग चार्ल्स की ताजपोशी में £100 मिलियन पाउंड यानी करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है. ये पैसा ब्रिटेन के टैक्सपेयर्स की ही जेब से लिया गया है. इसमें रॉयल खजाने का इस्तेमाल नहीं हुआ है. इसे देखते हुए ब्रिटेन में कई लोग ताजपोशी समारोह का विरोध भी कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, किंग चार्ल्स के पास सैंड्रिंघम में 75 मिलियन पाउंड यानी 771 करोड़ रुपए की संपत्ति है.

सोने के रथ में जाएंगे राजा
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1953 में तत्कालीन महारानी एलिजाबेथ की ताजपोशी के करीब 70 साल बाद यह शाही परंपरा निभाई जा रही है, जिसमें परंपरा के साथ-साथ बदलते समय को देखते हुए चार्ल्स की इच्छा के अनुरूप आधुनिक स्वरूप भी प्रदान किया जाएगा. ‘‘छह मई की सुबह महाराज चार्ल्स बकिंघम पैलेस से डायमंड जुबली स्टेट कोच में सवार होकर जुलूस के साथ वेस्टमिंस्टर एबे तक जाएंगे. यह बग्घी वर्ष 2012 में महारानी के शासन के 60 साल पूरे होने के अवसर पर बनायी गई थी और इसमें कभी -कभी दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ महारानी या उनके प्रतिनिधि ने सवारी की है.

जानकारी के मुताबिक गोल्डन स्टेट कोच को आखिरी बार जून 2022 में महारानी एलिजाबेथ के प्लेटिनम जुबली समारोह में देखा गया था. इसका निर्माण सन 1760 में हुआ था और सबसे पहले इसका इस्तेमाल किंग जॉर्ज तृतीय ने संसद सत्र को संबोधित करने के लिए 1762 में महल से संसद पहुंचने के वास्ते किया था. बयान के मुताबिक, ‘‘इस बग्घी का इस्तेमाल 1831 में विलियम चतुर्थ के समय से ही ताजपोशी के दौरान किया जा रहा है. इस बग्घी को आठ घोड़े खींचते हैं और इसका वजन करीब चार टन है.”

कौन-कौन होंगे शामिल?
सेरेमनी में देश-दुनिया से कई सेलेब्रिटीज और करीब 200 देशों के पॉलिटिकल लीडर्स/रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल हो रहे हैं. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी ताजपोशी के लिए न्योता मिला था, लेकिन वो समारोह में शामिल नहीं होंगी. उनकी जगह वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ भारत को रिप्रेजेंट करेंगे. इसके अलावा, जापान के क्राउन प्रिंस अकिशिनो और उनकी पत्नी किको से लेकर स्पेन के किंग फिलिप VI और क्वीन लेटिजिया तक करीब सौ राष्ट्राध्यक्षों के सेरेमनी में भाग लेने की उम्मीद है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ब्रिटेन की रॉयल फैमिली की ताजपोशी से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की अपनी परंपरा जारी रखेंगे. हालांकि समारोह में फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन हिस्सा लेंगीं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ताजपोशी के लिए लंदन पहुंच चुके हैं. उनके अलावा EU प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रपति एंथनी अल्बनीज भी समारोह में शामिल होंगे. वहीं रूस, बेलारूस, म्यांमार, अफगानिस्तान, सीरिया, वेनेजुएला और ईरान जैसे देशों को न्योता नहीं दिया गया है
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