» राज्य » उत्तराखंड
जोशीमठ में भू-धंसाव की वजह...2006 में ही कर दिया था वैज्ञानिकों ने अलर्ट
Go Back | Yugvarta , Jan 06, 2023 07:47 PM
0 Comments


0 times    0 times   

News Image Dehradun : 
जानिए किस वजह से जोशीमठ में भू-धंसाव तेजी से बढ़ा है,धौलीगंगा और अलकनंदा नदियां विष्णुप्रयाग क्षेत्र में लगातार टो कटिंग(नीचे से कटाव) कर रही हैं। इस वजह से भी जोशीमठ में भू-धंसाव तेजी से बढ़ा है। यही नहीं, वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा, वर्ष 2021 की रैणी आपदा और बदरीनाथ क्षेत्र के पांडुकेश्वर में बादल फटने की घटनाएं भी भू-धंसाव के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। ये कहना है कि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूस्खलन वैज्ञानिक का।



वरिष्ठ भूस्खलन वैज्ञानिक डॉ. स्वप्नामिता चौधरी का कहना है कि बदरीनाथ के उच्च हिमालयी क्षेत्र से निकलने वाली अलकनंदा और धौलीगंगा के संगम स्थल विष्णुप्रयाग में दोनों नदियां लगातार टो कटिंग कर रही हैं। विष्णुप्रयाग से ही जोशीमठ शहर का ढलान शुरू होता है। नीचे हो रहे कटाव के चलते जोशीमठ क्षेत्र का पूरा दबाव नीचे की तरफ हो रहा है। इसके चलते भू-धंसाव में बढ़ोतरी हुई है।


डॉ. चौधरी के मुताबिक, पिछले दो दशक में जोशीमठ का अनियंत्रित तरीके से विकास हुआ है। इसके लिए ठोस कार्ययोजना नहीं तैयार की गई। लिहाजा जलनिकासी का प्रबंधन बेहतर नहीं हो पाया। ऐसे में मानसून के दौरान बारिश और पूरे साल घरों से निकलने वाला पानी नदियों में जाने के बजाय जमीन के भीतर समा रहा है। यह भी भू-धंसाव का एक प्रमुख कारण है


वरिष्ठ भूस्खलन वैज्ञानिक डॉ. स्पप्नामिता चौधरी ने वर्ष 2006 में भी जोशीमठ पर अध्ययन किया था। पता चला था कि जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने और नाले, नालियों पर अतिक्रमण से भारी मात्रा में पानी जमीन के भीतर समा रहा है।

उन्होंने इसे रोकने के लिए कदम उठाने की सलाह दी थी। डॉ. चौधरी का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन और आपदा प्रबंधन विभाग को भी सौंपी थी। रिपोर्ट का क्या हुआ, इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है।

डीएम ने बताया कि नगर में कुल 561 भवनों में दरार आई है। साथ ही दो बहुमंजिला होटलों के खतरे की जद में आए पांच भवन खाली कराए गए हैं। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरार आई है।
  Yugvarta
Previous News Next News
0 times    0 times   
(1) Photograph found Click here to view            | View News Gallery


Member Comments    



 
No Comments!

   
ADVERTISEMENT






Member Poll
कोई भी आंदोलन करने का सही तरीका ?
     आंदोलन जारी रखें जनता और पब्लिक को कोई परेशानी ना हो
     कानून के माध्यम से न्याय संगत
     ऐसा धरना प्रदर्शन जिससे कानून व्यवस्था में समस्या ना हो
     शांतिपूर्ण सांकेतिक धरना
     अपनी मांग को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाना
 


 
 
Latest News
Nainital News : नैनीताल में पार्किंग के
उत्तराखण्ड कैबिनेट बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण
Uttar Pradesh leads the nation in afforestation
Kanpur : पीएम मोदी के दौरे को
इंटरनेशनल फिल्म सिटी में बनने वाले फिल्म
उत्तराखंड : मुख्यमंत्री धामी ने लगाई दौड़,
 
 
Most Visited
‘Justice Served’ : India Launches ‘Operation Sindoor’,
(306 Views )
Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर पर MEA
(298 Views )
प्रो. के.जी. सुरेश को मिली इंडिया हैबिटेट
(289 Views )
भारत और पाकिस्तान युद्धविराम पर सहमत :
(284 Views )
पाकिस्तानी हमला नाकाम, भारत ने पहली बार
(254 Views )
हमारी सहनशीलता का कोई नाजायज फायदा नहीं
(245 Views )